पुरुष और नारी से ही होती प्रकृति पूरी, दोनों से ही पूर्णता बिन किसी के अधूरी। पुरुष और नारी से ही होती प्रकृति पूरी, दोनों से ही पूर्णता बिन किसी के अधूरी।
न मिली मुझे कभी ज़िंदगी से पूर्णता होठों पर दंभ को सजाए जीती रही अश्कों को आँखों में छुपाए पीती रह... न मिली मुझे कभी ज़िंदगी से पूर्णता होठों पर दंभ को सजाए जीती रही अश्कों को आँख...
पूर्णता को अपूर्ण मान अपनी जीवन को नित्य सँवारता है। पूर्णता को अपूर्ण मान अपनी जीवन को नित्य सँवारता है।
मुझको रहता तुमसे ज्यादा इंतज़ार सनम बस इस दिन का। मुझको रहता तुमसे ज्यादा इंतज़ार सनम बस इस दिन का।
प्रेमियों ने पूर्णता मानी प्रेमियों ने पूर्णता मानी
आग का पता फूलों से ही पूछो आग का पता फूलों से ही पूछो